पिछले दिनों स्लम डाग के गाने जय हो की धूम थी,लेकिन एक बात आपने गौर की?
रहमान तो सभी न्युज,व आसकर क मंच पर छाये थे पर इस गाने को गाने वाले सुखविंदर सिंह कहीं नहीं दिखे क्यों?
रहमान की मक्कारी की वजह से(मुसलिम होते ही ऐसे हैं)
रहमान ने आस्कर में सुखविदर के साथ गाने का प्रक्टिस किया कि इनाम के बाद स्टेज पर गाया जायेगा?पर पुरस्कार के पहले रहमान ने सुखविंदर का फोन उठाना बंद कर दिया
तथा अगले दिन पुरस्कार के बाद बताया कि तुम्हारा वीजा नहीं बन पाया?
हाँ सुखविंदर मुसलिम होते या आतंकवादी होते तो वीजा बन जाता पर इतने बडे़ पंजाबी सिंगर थे इस लिये नहीं बन पाया।
तुष्टीकरण की जय हो।
1 टिप्पणी:
प्रशांत भाई! जहां तक मैं जानता हूं कि जिसे आप आज ए.आर.रहमान के नाम से जानते हैं वो जन्मजात मुसलमान नहीं है, हिंदू से मुसलमान बना है और वो भी ज्यादा साल नहीं हुए यानि कि वो आदतन और फ़ितरतन हरामी होगा या हो सकता है जन्मजात हरामी हो जब हिंदू था तब भी और अब मुसलमान है तब भी:)
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