शनिवार, 20 दिसंबर 2008

वेंगसरकर के भोंकने के बाद ही

जब आमदनी हो कम,खर्च हो ज्यादा।

जब भैंस दूध दे कम ,चारा खाये ज्यादा ।

जब खुसी हो कम ,आँसू हो ज्यादा ।

जब दमखम वाले नेता हों कम आतंकवादी हों ज्यादा ।

सिलिण्डर हो कम ,लाईन हो ज्यादा ।

अटल जी हों कम, अंतुले हो ज्यादा ।

फिर भी हौसला रखें क्योंकि ,

कितनी भी काली रात हो सवेरा अवश्य होता है ।

9999 गलती के बाद ही ऐडीसन बल्ब बनाते हैं ।

दसवीं फेल होने के बाद ही आईनस्टीन जैसे वैज्ञानिक बनते हैं ।

वेंगसरकर के भोंकने के बाद ही द्रविड़ सतक बनाते हैं ।

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