आज मै ये ब्लाग खिचडी के दिन बिना प्याज वाली खिचडी खाते हुए लिख रहा हूँ।
आजकर हर जगह मनमोहन सिंह की भद्द पिटी हुई है,उनके मुह चोरी,महगाई घटाने के लिए मीटिंग -मीटिंग खेलने के लिए?
जब हम लोग छोटे थे तो आईस-पाईस खेलते थे आज कल ये लोग मीटिंग-मीटिंग खेल रहे हैं।
लेकिन देखिये किसी ने क्या खुब कहा है,कैसे भी हो हालात हमेशा पाजिटिव सोचिए जैसे बन्द घडी भी दिन में दोब बार सही समय बताती क्या आपने सोचा है?
मैने भी बडी मुसकिल से मनमोहन जी के बारे में कुछ पाजिटिव सोचा?
मनमोहन जी जितने अंध भक्त सोनिया गाँधी उर्फ अंटोनियो(इटली वाला असली नाम) के है जिसके लिए (मुन्नी बदनाम के तर्ज पर
मनमोहन बदनाम हुए सोनिया तेरे लिए)वो इतनी बेइज्जती बर्दाश्त कर रहें है(अगर गैरत वाला आदमी होता तो कब का हार्ट अटैक से मर चुका होता)।
अगर उतना ही अंध भक्त हम और हमारे नेता देश के लिए हो जाए तो सोचिए क्या होगा क्रांति आ जाएगी?
जय भारत
1 टिप्पणी:
उतना ही अंध भक्त हम और हमारे नेता देश के लिए हो जाए तो सोचिए क्या होगा
क्रांति आ जाएगी
-
बिलकुल सही कहा
बढ़िया पोस्ट
बधाई
आभार
गणतंत्र दिवस की मंगलकामनाएं
एक टिप्पणी भेजें