अपने up में लाखों लोग हर साल ग्रेजुएसन करते हैं।
जिनमें 60%से अधिक 45% वाले ग्रेजुएट हैं।
सरकार ने उनके B.Ed. में सामिल होने से मना कर दिया है।
वे क्या करें?
कहाँ जाए?
मनरेगा मे जाएँ क्या?
सरकार बताये वे कहाँ जाए?
उनका जुगाड़ नहीं था सो 45% ही आया इनमें उनका क्या दोस है?
क्या उन शिक्षकों का दोस नहीं जिनके पढाने से अधिकतर छात्र 45% पाते हैं क्या उनकी कमी नहीं?
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