बुधवार, 12 मई 2010
बडे आराम से चूतिया बन जाते हैं हम
कुछ महीने पहले गोरखपुर में मानव हित सेवा संस्थान नामक संस्था आती है लोगों को रोजगार देने का झासा देती है और शुरू में सबसे तीन से पाँच हजार रू लेती है और करोडों रू गरीबों का ले के भाग जाती है।
पिछले महीने गोरखपुर में ,काल सेंटरों की बाढ़ आई थी जो इ मेल बनाने का काम लोगो से करा के शुरू में कुछ लोगों को पैसा दे के फिर लोगों से पैसा ले के उन्हें भर्ती करती है और करोडो रू ले के फरार।
पिछले दिनों यू पी पुलिस की भर्ती निकली थी।जिसमें दावा किया गया कि रिटेन परीछा का Answear key परीछा के दो घटे बाद व परीछा परीणाम दो हफ्ते में आ जाएगा।Answear key महीने भर में आया व परिणाम का कुछ पता नहीं।कई लडके दलालों को पैसा तीन से चार लाख तक दे चुके हैं।जिनमें एक लाख शुरू मे ही देना है जो मायावती बहन के पास जाएगा व बाकी ज्वाइनिंग के बाद देना है।
पिछले दिनों स्वास्थ्य कर्मी का फार्म निकला था उसका भी यही हाल है एक लाख शुरू मे ही देना है जो मायावती बहन के पास जाएगा व बाकी ज्वाइनिंग के बाद देना है।
ये सब खुले तौर पर हो रहा है मीडिया अन्त में क्यों सक्रीय होती है जब लाखो बेरोगगार छले जा चुके होते हैं।कूछ दिन हो हल्ला होता है फिर बात खत्म।
कहीं मीडिया को भी अपना हिस्सा तो नहीं मिलता अन्त में सक्रीय होने के लिए?
इस घूसखोरी के लिये हम भी जिम्मेदार है जो बिना सोचे समझे पैसा दे देते हैं।
लेबल:
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म,
मानव हित सेवा संस्थान
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1 टिप्पणी:
is tarah kee ghatna aam ho gai hai mai bhe ek bar phasa tha inake chhakar me
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